कबीर दास का जीवन परिचय 100,200,300,400 शब्दों में- Kabir Das ka jivan parichay, dohe in hindi, kabir das biography, age, religion,
दोस्तों! आज के अपने इस लेख में हम आपको सन्त कबीर दास का जीवन परिचय (Kabir das ka jivan parichay) और उनके दोहों के बारे में बताने जा रहे हैं। इसलिए इस लेख को पूरा जरूर पढियेगा-
कबीरदास का संक्षेप में परिचय:
पूरा नाम | संत कबीरदास |
---|---|
अन्य नाम | कबीर, कबीर परमेश्वर, कबीरा |
जन्म | सन् 1398 ई. (संवत् 1455 वि०) |
जन्म स्थान | काशी, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) |
मृत्यु | सन् 1518 ई. (संवत् 1575 वि०) |
मृत्यु स्थान | मगहर, उत्तर प्रदेश |
माता-पिता का नाम | माता- नीमा और पिता- नीरू |
पत्नी का नाम | लोई |
संतान | कमाल (पुत्र) और कमाली (पुत्री) |
शिक्षा | निरक्षर |
व्यवसाय | कवि, संत , समाज सुधारक |
गुरु | स्वामी रामानन्द |
साहित्यकाल | भक्तिकाल |
भाषा | सधुक्कड़ी, पंचमेल खिचड़ी, अवधी |
प्रमुख रचनाएं | साखी, सबद ,रमैनी |
कबीर दास का जीवन परिचय (Kabirdas biography in hindi)
संत, कवि, और धार्मिक विचारक - सभी इन शब्दों से जुड़ा हुआ नाम है, संत कबीर दास का। उनका जीवन एक ऐसा अद्वितीय सागा है जिसने साहित्यिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भारतीय समाज को प्रभावित किया। आइए, हम संत कबीर दास के अद्वितीय जीवन को विस्तार से जानते हैं।
बाल्यकाल और शिक्षा
संत कबीर दास का जन्म 15वीं सदी में हुआ था, इसकी सटीक तिथि के बारे में विभिन्न मत हैं। कई मान्यताओं के अनुसार, उनका जन्म संवत् 1455 (सन् 1398 ई.) में हुआ था। वे काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश, में पैदा हुए थे और उनके माता-पिता का नाम नीमा और नीरू था। इनके पारिवारिक वातावरण में हिन्दू और मुस्लिम धाराओं का संगम था, जिसने उन्हें दोनों सांस्कृतिकों की शिक्षा प्राप्त करने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया।
साधना का आरंभ
बचपन से ही भगवान में भक्ति जगाने का प्रेरणा संत कबीर दास में था। उनका जीवन पूरी तरह से साधना और भगवद्भक्ति में लीन रहा। यही कारण है कि वे संत कहलाए और उनकी शिक्षाएं आज भी हमें आदर्श जीवन जीने की मार्गदर्शन करती हैं।
साहित्यिक योगदान
कबीर दास की साखियाँ, दोहे, और भजन उनके साहित्यिक योगदान का प्रतीक हैं। उनकी रचनाएं अवधी, राजस्थानी, और पंजाबी भाषा में हैं, जो सामान्य लोगों तक सीधे रूप से पहुंचती हैं। उनके दोहे और भजनों में संगीतात्मक भावनाएं व्यक्त होती हैं, जो आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण
कबीर दास ने अपने जीवन के दौरान सामाजिक और धार्मिक सुधार के लिए आवाज उठाई। उनके विचार विशेषकर निर्गुण भक्ति के सिद्धांत पर आधारित थे और उन्होंने जनता को एकता, सद्भाव, और धार्मिक सहिष्णुता की ओर प्रवृत्त किया।
निर्वाण की प्राप्ति
कबीर दास ने अपने जीवन का अंत मगहर, उत्तर प्रदेश, में किया और वहां उनकी मृत्यु हुई। उनकी समाधि वहां स्थित है जो एक पवित्र स्थान के रूप में मानी जाती है।
संत कबीर दास का जीवन एक ऐसा उदाहरण है जो हमें धार्मिकता, भक्ति, और सामाजिक सद्भावना के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। उनकी भक्ति और साहित्यिक योगदान के कारण वे आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं, और उनका संदेश समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है।संत कबीर दास का यह अद्वितीय जीवन हमें सच्ची भक्ति और सही मार्ग की ओर प्रवृत्ति करता है।
कबीर दास का जीवन परिचय 200 शब्दों में (200 words)
कबीरदास के 100 दोहे (Kabir ke dohe)
कबीर के दोहे |
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
संत कबीर दास का जन्म स्थान क्या था?
संत कबीर दास का जन्म काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश, में हुआ था।
कबीर दास का जन्म कब हुआ था?
कई मान्यताओं के अनुसार, संत कबीर दास का जन्म संवत् 1455 (सन् 1398 ई.) में हुआ था।
कबीर दास का धर्म क्या था?
कबीर दास का जीवन हिंदू और मुस्लिम धाराओं के संगम के बीच बिता, और उनकी शिक्षाएं दोनों संस्कृतियों से प्रेरित हैं।
कबीर दास की प्रमुख रचनाएं कौन-कौन सी हैं?
कबीर दास की प्रमुख रचनाएं - साखियाँ, दोहे, और भजन हैं।
कबीर दास का उद्धारण एक साखी या दोहा के रूप में साझा करें।
"मोको कहाँ ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में।"
कबीर दास की मृत्यु कब और कहां हुई थी?
कबीर दास की मृत्यु संवत् 1575 (सन् 1518 ई.) में मगहर, उत्तर प्रदेश, में हुई थी।
कबीर दास के सिद्धांत क्या थे?
कबीर दास के सिद्धांत निर्गुण भक्ति के आधार पर थे, और उन्होंने एकता, सद्भाव, और धार्मिक सहिष्णुता की बातें प्रमोट की।
क्या कबीर दास के अनुयायी आज भी हैं?
हाँ, कबीर दास के अनुयायी आज भी उनकी शिक्षाओं को मानते हैं और उनके दोहों, साखियों को अपने जीवन में अमल में लाते हैं।
कबीर दास की भक्ति संगीत में क्या योगदान रहा?
कबीर दास के भक्ति संगीत ने भारतीय संगीत को विशेष रूप से प्रभावित किया, और उनके भजन आज भी प्रसिद्ध हैं।
कबीर दास के बारे में और अधिक जानकारी कहां प्राप्त कर सकते हैं?
आप संग्रहण किताबें और भक्ति संगीत स्थलों के माध्यम से कबीर दास के जीवन और काव्य संसार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
धन्यवाद!