100+ Best Sad Shayari in Hindi
Sad love Shayari: नमस्कार दोस्तों आप में से बहुत से लोग ऐसे होंगे जो शायरी सुना और शायरी कहना पसंद करते होंगे। हमारे देश में बड़े मशहूर शायर हुए हैं। आज के इस लेख में हम कुछ बेहतरीन Sad Love Shayari in Hindi लेकर आए हैं।
50+ Sad Shayari |
हमें आशा है कि ये 50 से भी ज्यादा शायरी पढ़कर आपको काफी अच्छा लगेगा, अगर आप भी शायरी लिखने के शौकीन हैं तो आप नीचे Comment करके अपनी शायरी हमें भेज सकते हैं जिसे हम इस लेख में Update करके आपकी शायरी को लिख देंगे। चलिए शुरू करते हैं 50+ Hindi Sad Shayari
Sad Shayari in Hindi
शिकायत के क़िस्से तो होते हैं सबके पास लेकिन...कुछ ग़ैरों से तो कुछ जिसके हैं उसी से कहते हैं...!!
हैरत है काम पर कोई नहीं मिला मौजूद मुझे...इत्तेफ़ाक़न कैसे होता है ये मेरे ही साथ हरबार...!!
क्यों न हट जाएँ अब ये सितारे फलक से...देखा नहीं जाता कोई तड़पे किसी के लिए...!!
ये शाम है कि ढलती नहीं ये रात बीतती नहीं...दिन भी अब अजीब है ज़िन्दगी का वो दौर है...!!
इस तमाशे का पूरा हक़दार मैं और सिर्फ़ मैं हूँ...वरना खेल समझ आ गया था बहुत पहले मुझको...!!
तेरे बाद वफ़ा के नाम पर फिर से भरोसा करेंगे हम...एक पन्ना कम-पसन्द होनें से क़िताब फेंकी नहीं जाती...!!
मुझसे हुई होंगी गलतियाँ बेशक़...पर मैं आदी हूँ इश्क़ तुमसे करनें का...!!
चले जाना तुम अपनीं मर्ज़ी से जब भी चाहत हो...मेरी तम्मना है एक दफ़ा तुम्हारे साए के साथ बैठना ...!!
अपनी इस कलम काहक़ अदा करना है मुझेहदों से गुजरना पड़ेतो गुजरना हैं मुझे....
वो मुझे मौत की धमकी क्या देगामुझे तो मालूम है कि मरना है मुझे...!!
हाँ साथ लेकर चलो खंज़र तुमभी शहर की भीड़ में...काम आएगा अगर कोई अपना कहींमारनें पर उतर आए...!!
बनाए रखा भरम हमनें जहाँ में जीनें का...वरना तो हर दूसरा शख़्स मरा मरा सा है...!!
पूछेंगे नहीं वफ़ा की बात मगर निभाएंगे उम्र भर...बस यही तरीका आता है इश्क़ करनें का हमको...!!
इश्क़ हुआ तब जाकर मालूम हुआ ज़िंदगी क्या है...वर्ना तो ज़िंदा होनें का भरम था हमें शुरुआत से...!!
मजबूरी को इश्क़ का नाम तो बिल्कुल न दो साहिबान...हम होस्टल वाले लोग जानते हैं चाय छोड़ कॉफ़ी क्यों पीना पड़ता है...!!
किस हक़ से हक़ीक़त बताया तुमनें...क्या इसी अंजाम का हकदार था मैं...?
सुना है इतनीं बेवफ़ाई करनें वाले ख़ुश नहीं रहते...परेशान न हो हम अक़्सर तुम्हारे लिए दुआ करते हैं...
ग़ैर था ना वो जब उससे पहली दफ़ा ऐसी वैसी बात हुई होगी...चलो मान लेते हैं तुम नादान हो उस दफ़ा ग़लती हो गई होगी...!!
रात भर जम के रोएंगे और झगड़ के कहेंगे वापस चले आओ अब तुम...हर बार की तरह तुम्हारी तस्वीरों से प्यार कर के सो जाते हैं...!!
ख्वाबों से परहेज़ है मेरावास्तविकता रूह को सुकून देती है...मुझे लगती हैजो भी चीज प्यारीवो ये कायनात मुझसे छीन लेती है....!!
मैनें दस्तावेज़ देखें हैं अदालत के सियासत के...हुकूमत में गरीबों को 'लोग' या 'भीड़' कहते हैं...!
ख़याल है और रखेंगे हम तुम्हारी आबरू का...वरना तुमनें तो लोगों से क्या कुछ नहीं कहा...!!
इल्ज़ाम तो आएंगे ही जब बात चलेगी महफ़िल में...हम नहीं होंगे, हमारी बातें भी न हों ये कहाँ मुमकिन है...!!
उम्र घट रही है हर रोज़ रफ़्तार से...हम हैं कि अभी आशिक़ी में फंसे हैं...!!
हादसा ही इश्क़ था...हमनें इसे कुछ और समझा...!!
ताल्लुकात बढ़ाने हो तो बुरी आदतें भी रखोऐब ना हो तोलोग महफिलों में भी नहीं बुलाते...!!
मुझे सिर्फ तेरे होने या ना होने सेफर्क पड़ता है...बाकी मुझे किसी के होने या ना होने सेकोई फर्क नहीं पड़ता...!!
तक़दीर को बहुत बड़ा माननें वाले ऐ लोगों...ज़िन्दगी से कितनीं शिकायत करोगे अब तुम...!!
लाल मुह चोट का निशान हो ज़रूरी तो नहीं...शायद इशारा हो कि इश्क़ का मारा मरा जा रहा ...!!
एक बग़ावत ही है कि ज़िंदा हैं हम...हाँ में हाँ मिलाना भी क्या ज़िन्दगी है...!!
लौटकर आएगा ख़ुदा भी तुम्हारे पास...ऐसा कहनें के लिये हिम्मत होनी चाहिए...!!
मत करो उम्मीद किसी सेहर किसी की अपनी दुनिया है...कोई कितना भी अपना क्यों ना होंपहले अपना ही देखता है...!!
कहीं से कोई ज़िन्दा दिल दिख जाएगा...इसी ख़ाब के साथ दिन गुज़र जाते हैं...!!
कुछ आरज़ू हमारी भी हद पार कर चुकी थी...कुछ वफ़ा की शर्त थी जो उनसे निभी नहीं...!!
तुम नाराज़ भी हुआ करो तो बता दिया करो...कम से कम कुछ तो करेंगे ही मनानें के लिए...!!
एक क़तरा इश्क़ औरतमाम उम्र की चुभन...ऐ मालिक तड़पाने काक्या खूब तरीका है तेरा...!!
सुनों आज पूरे चाँद की रात है...मैंने आज वो दूसरा चाँद भी देखा...!!
नहीं चाहिए था तो शुरुआत में ही बता देते...हम अपना दिल किसी कसाई को ही दे देते...!!
दौलत जमा करनें का मज़ा अच्छा है लेकिन...ये ज़लील तरीक़ा बस इसी से शिकायत है हमें...!!
चूम लेती है लटक करकभी चेहरा तो कभी लब...तुमने अपनी जुल्फों कोबहोत सिर पे चढ़ा रखा है...!!
तेरी मुस्कराहट सेदम यूं ही निकल जाए....चश्मा ए हैवांँ कीफिर क्यों आरज़ू की जाए...!!
मुक्कमल इश्क की
तलबगार नहीं हैं ये आँखें...
थोड़ा थोड़ा ही सही
पर हर रोज़ तेरा दीदार चाहतीं हैं...!!
ना-इन्साफ़ी समझते रहे जिस बिछड़न को अब तक...हमें क्या मालूम था बड़े लोग इसे भी अंजाम-ए-इश्क़ कहते हैं...!!
करते हैं दर-ओ-दीवार भी इंतज़ार मेहमानों का...शुक्र है हमारे गाँव में शहर जैसा माहौल नहीं है...!!
सीखना होगा कि हर स्थिति में ख़ुद को सम्भालें कैसे...ये दुनियाँ इतनीं अच्छी नहीं कि सबका ख़याल रखे...!!
दराज़ में रखी दर्द की दवा से भी असर कुछ न हुआ...कहानी ख़त्म होते होते ज़िन्दगी ख़त्म न हो जाए कहीं...!!
टूटा नहीं कभी दिल सेतेरी दोस्ती का रिश्ता....गुफ्तगू हो या ना होतेरी याद जरूर आती है...!!
छाँव में ठहर जानें से सुकूँ तो मिलता ही है...यही वजह है कि उनकी गोद हमें इतनीं पसंद है...!!
फ़र्क़ क्या पड़ा उनके आनें से...?ये जो हम हैं ऐसे नहीं थे कभी...!!
उन्हें हम ढूँढते फिरते हैंपन्नों में किताबों में...या फिर कुछ हैं पुराने ख़तया फिर बीती सी बातों में...!!
ठहर जाएँ ये मुसाफ़िर तो आगे बढ़ने को कहिएगा...ये बाल क्यों गालों से चिपटकर हमें जलाते हैं हमेशा...!!
मरनें की कला हमसे सीखो... जीना भी गज़ब ये जीना है...हर रोज़ यही बस कहते हैं मर मर जीना ही जीना है...!!
चाहिए तो था उनका साथ उम्र भर का...मगर एकतरफा इश्क़ में भीख कैसे माँगते...!!
कहानी तब जाकर एक मोड़ पर ठहर सी गई...जब बात सही और ग़लत में फ़र्क़ करनें की आई...!!
ना हम शिकायत करते हैं ना ही बग़ावत...आप ही बताइए इसे मोहब्ब्त कहते हैं..?
ज़रूरतमंद होना भी क्या बेहूदा चीज़ होती है...लोग भिगमंगा समझकर अनदेखा किए देते हैं...!!
गुज़रा हुआ कल हो जाऊंगा...याद तो आऊंगामगर लौट कर नहीं आऊंगा...!!
मैंने दर्द को मुस्कुराकरसहना क्या सीख लिया...लोगों को लगता हैमुझे तकलीफ़ नहीं होती...
जिस जिस को आज तक बताया हैयक़ीन मानों सबने सताया है...!!
इतनीं शिकायत भी क्यों करना इस ज़िन्दगी से...वैसे भी मर जाना है मरना है तकलीफ के बाद भी...!!
कभी इश्क़ के बादल ओढ़कर ख़ुशगवार छाँव में बैठे थे...अब देखिए ज़िन्दगी से तंग आकर अकेले अकेले हैं यहाँ...!!
पहुँच कर चाँद पर भी आदमीं की औकात यही है...बताता है छोटा कौन और किसकी ज़ात बडी है...!!
दुनिया को हकीकत मेरी पता कुछ भी नहींइलज़ाम हजारों है और ख़ता कुछ भी नहीं...
मेरे दिल में क्या क्या लिखा हैये पढ़ ना सकोगे...सारे पन्ने भरे हुए हैंऔर लिखा कुछ भी नहीं...!!
एक इबादत है एक है इश्क़...जब दोनों एक हो जाए तब बड़ा मसअला बन जाता है...!!
एक तरफ़ दौड़ है एक तरफ़ सन्नाटा...एक तरफ़ लोग हैं एक तरफ़ जिस्म...एक तरफ़ जला रहे एक तरफ एक जल रहा...!!
निष्कर्ष
हमे आशा है कि इस लेख मे दी गयी 50+ Sad Shayari को पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा । अगर आप शायरी पढ़ने के शौकीन हैं तो आप हमारे Whatsapp Channel से जुड़ सकते हैं और पढ़ने का मजा ले सकते हैं।