सोनम वांगचुक की जीवनी, उम्र, आविष्कार, पुरस्कार (Sonam Wangchuk biography in Hindi, Age, Innovation, Awards)
Sonam Wangchuk Biography: नमस्कार दोस्तों! आपने अपने जीवन में कभी ना कभी आमिर खान की फिल्म ‘3 Idiots’ जरुर देखी होगी इस फिल्म में आमिर खान ने ‘रेंचो’ या कहें तो ‘फुन्सुक वाँगडू’ का किरदार निभाया था। इस फिल्म में एक इंजीनियर की कहानी को दिखाया गया है कि किस तरह से एक इंजीनियर पढ़ाई को रट कर नहीं बल्कि समझ कर अपने जीवन में उस पढ़ाई का उपयोग करता है। यह फिल्म वास्तविक में जिस व्यक्ति के जीवन से प्रेरित होकर बनाई गई है उस व्यक्ति का नाम है- सोनम वांगचुक
Sonam Wangchuk |
आज के इस लेख में आपको सोनम वांगचुक के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है। सोनम वांगचुक का जीवन परिचय, उम्र, आविष्कार, पुरस्कार आदि सारी जानकारी इस लेख में दी गई है। तो चलिए जानते हैं कि कैसे एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ एक लड़का आज एक सफल इंजीनियर और एक सफल वैज्ञानिक भी है जिसने अपनी प्रतिभा से अपने राज्य की काया पलट कर दी।
Sonam Wangchuk Biography in Hindi (जीवन परिचय)
पूरा नाम | सोनम वांगचुक |
उपनाम | स्नो वारियर |
पेशा | इंजीनियर, वैज्ञानिक, समाज सुधारक, शिक्षक, संपादक |
जन्म तिथि | 1 सितंबर, 1966 |
जन्म स्थान | उलेय टोकपो, लदाख |
पिता का नाम | सोनम वंगयाल |
माता का नाम | NA |
उम्र | 57 साल |
कॉलेज | NIT श्रीनगर |
शिक्षा | B.Tech in Mechanical Engineering, Masters in Earthen Architecture |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
ऊँचाई | 172 cm |
वजन | 71 kg |
Home | |
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सोनम वांगचुक जन्म और प्रारंभिक शिक्षा
सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितम्बर, 1966 में लदाख राज्य के जिले में उलेय टोकपो नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम सोनम वंगयाल था जो कि एक राजनेता थे। इनके गांव में पढ़ने के लिए कोई स्कूल नहीं था यही कारण है की 9 साल की उम्र तक इन्हें कोई शिक्षा नहीं मिली थी। बहुत परेशानियों के बाद 9 साल की उम्र के बाद इन्हें श्रीनगर के एक स्कूल में एडमिशन मिला था उस स्कूल में एक अलग भाषा में पढ़ाई होती थी जिसके कारण सोनम वांगचुक को पढ़ने में काफी कठिनाई होती थी।
पढ़ाई में कठिनाई के चलते उस स्कूल से कुछ महीनो में ही सोनम वांगचुक बाहर आ गए साल 1977 में सोनम वांगचुक दिल्ली आ गए और यहां आकर उन्होंने विशेष केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली में अपना दाखिला लिया। यह स्कूल बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले बच्चों के लिए सरकार द्वारा फ्री में चलाया जाता है।
स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद सोनम वांगचुक ने आगे की पढ़ाई के लिए NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई पूरी की। इनके पिताजी चाहते थे कि सोनम वांगचुक सिविल इंजीनियर बने, लेकिन जब इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग विषय को चुना तो उनके पिताजी ने इनके कोर्स की फीस देने से मना कर दिया। इसके बाद सोनम वांगचुक ने अपनी फीस भरने के लिए दसवीं कक्षा तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे। सोनम वांगचुक पढ़ने में काफी ज्यादा होशियार और प्रखर बुद्धि के थे यह जब भी कोई चीज पढ़ते थे तो उस विषय के तह में जाकर उसके बारे में संपूर्ण जानकारी इकट्ठा करते थे। ये जो भी पढ़ते उस विषय में उनकी जिज्ञासा बढ़ती ही जाती थी।
साल 1988 में सोनम वांगचुक ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद लदाख में ‘Students Educational and Cultural Movement of Ladakh’ नाम की छात्रों की एक सस्था का गठन किया। इस मिशन के जरिये लदाख के विद्यार्थियों के अंदर आत्मविश्वास भरकर उन्हें पढ़ाई के प्रति जागरूक किया जाता है। इस संस्था की इमारत का निर्माण भी सोनम वांगचुक के वैज्ञानिक दृष्टिकोण के द्वारा किया गया है। यह कैंपस पूरी तरह से सोलर पॉवर पर काम करता है जिससे कि यहाँ पर बिजली की कोई आवश्यकता नहीं होती है साथ ही साथ अलग अलग कार्यों जैसे खाना बनाने के लिए भी यहाँ पर सोलर पॉवर का ही उपयोग किया जाता है।
सोनम वांगचुक के समाज सुधारक काम
सोनम वांगचुक ने साल 1994 में सरकार के साथ मिलकर न्यू होप नाम का एक ऑपरेशन चलाया जिसके माध्यम से सरकारी स्कूलों में सुधार लाया गया इस ऑपरेशन के बाद लद्दाख में दसवीं की परीक्षा का रिजल्ट में सफलता का प्रतिशत 5% से बढ़कर 75% हो गया था
साल 2013 के अंत में सोनम वांगचुक ने एक नया अविष्कार किया इन्होंने ‘Ice Stupa’ नामक संरचना का निर्माण किया जिसके माध्यम से लदाख के पहाड़ी इलाके में पानी को इन Ice Stupa में इकट्ठा कर लिया जाता है और गर्मी के मौसम में बर्फ़ पिघलने पर इन Ice stupa से पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त होता है जिससे खेती तथा अन्य कामों में इस पानी का उपयोग किया जाता है।
सोनम वांगचुक पुरस्कार (Sonam Wangchuk Awards )
सोनम वांगचुक को उनके द्वारा किए गए वैज्ञानिक खोजों और समाज सुधारक कार्यों के लिए समय-समय पर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है नवंबर 2016 में सोनम वांगचुक को ‘Rolex Awards for Enterprise 2016’ से सम्मानित किया गया था यह पुरस्कार उन्हें उनके प्रोजेक्ट ‘Ice Stupa’ के लिए दिया गया था।
इसके अलावा इन्हें 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। इन पुरस्कारों के अतिरिक्त सोनम वांगचुक को Global Award for Sustainable Architecture 2017, Real Heros Award 2008 आदि महत्वपूर्ण पुरस्कार प्रदान किये गए हैं ।